मकर संक्रांति के लिए ठंडे मौसम में ऐसे जमाएं दही!
नई दिल्ली इस साल 14 जनवरी यानी गुरुवार को भारत में मकर संक्रांति का उत्सव मनाया जाएगा। मकर संक्रांति को सूर्य के धनु राशि में आने से खरमास समाप्त हो जाएगा, लकिन इस बार समाप्त होने पर भी विवाह और दूसरे शुभ कार्य का आयोजन नहीं किया जा सकेगा।
इस बार मकर संक्रांति के दिन सबसे अहम बात यह है कि सूर्य के पुत्र शनि स्वयं अपने घर मकर राशि में गुरु महाराज बृहस्पति और ग्रहों के राजकुमार बुध एवं नक्षत्रपति चंद्रमा को साथ लेकर सूर्यदेव का मकर राशि में स्वागत करेंगे। ग्रहों का ऐसा संयोग बहुत ही दुर्लभ माना जाता है क्योंकि ग्रहों को इस स्वयं ग्रहों के राजा, गुरु, राजकुमार, न्यायाधीश और नक्षत्रपति साथ रहेंगे। ग्रहों के राज सुर्य सिंह पर सवार होकर मकर में संक्रमण करेंगे। ऐसे में राजनीति में सत्ता पक्ष का प्रभाव बढ़ेगा और देश में राजनीतिक उथल-पुथल, कुछ स्थानों पर सत्ता में फेरबदल भी हो सकता है।
मकर संक्रांति के दिन सूर्य की पूजा, नदियों में पवित्र स्नान, देव दर्शन व दान-पुण्य करने वालों को विशिष्ट फल की प्राप्ति होती है। इस अवधि में स्नान-दान और दही-चूड़ा के साथ तिलकुट खाने का फल अत्यंत शुभकारी होता है।
दही-चूड़ा के लिए दही जमाना ज़रूरी है, लेकिन गर्मी के मौसम के मुकाबले सर्दियों में दही जमाना मुश्किल होता है। गर्मियों में आप घर या किचन के किसी भी कोने में दूध में दही डालकर रख दें वो दो से तीन घंटों में आसानी से जम जाता है, लेकिन इससे उलट सर्दियों में दही को जमाना आसान नहीं है। आप कितनी भी मेहनत क्यों ना कर लें, सर्दियों में दही नहीं जमता। अगर आपको भी दही-चूड़ा के लिए दही चाहिए को ऐसे जमा सकते हैं। 1. सबसे पहले आप फुल क्रीम दूध फिर शुद्ध भैंस का दूध लें। इससे दही गाढ़ा जमेगा।
2. जब तक ये दूध तीन से चार बार खौल न जाएं तब तक गर्म करें।
3. उसके बाद गर्म दूध को ठंडा होने के लिए रख दें।
4. जब दूध ठंडा हो जाए तो इसमें दो चम्मच दही डाल लें। जैसे अगर आपने आधा लीटर दूध लिया है तो उसमें दो चम्मच दही डाल लें।
5. दूध में दही डालने के बाद उसे अच्छे से दो मिनट तक चलाएं। आप चाहे तो उसे अच्छे से फेंट भी सकते हैं। दूध को जितना फेंटेंगे वो उतना अच्छा जमेगा।