ममता बनर्जी को 24 घंटे में तीन बड़े झटके, शुभेंदु अधिकारी, दीप्तांगशु चौधरी के बाद विधायक जितेंद्र तिवारी ने भी दिया इस्तीफा
कोलकाता . पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले में सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस एक के बाद एक झटके लग रहे हैं। गुरुवार को ममता बनर्जी के तीन सहयोगियों ने उन्हें अलविदा कह दिया। पार्टी के प्रभावशाली नेता शुभेंदु अधिकारी ने पार्टी छोड़ी तो साउथ बंगाल स्टेट ट्रांसपोर्ट कॉरपोरेशन (SBSTC) के अध्यक्ष दीप्तांगशु चौधरी ने मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को अपना इस्तीफा सौंप दिया। इसके अलावा विधायक जितेंद्र तिवारी ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है।
जितेंद्र तिवारी का आरोप है कि पार्टी की सदस्यता और आसनसोल के महापौर पद से इस्तीफे के तुरंत बाद पनडाबेश्वर में उनके दफ्तर पर कुछ लोगों ने तोड़फोड़ की। उन्होंने टीएमसी के पश्चिम बर्द्धमान जिला अध्यक्ष का पद भी त्याग दिया है। उन्होंने पार्टी के राज्य प्रमुख सुब्रत बख्शी को लेटर भी भेजा है।
आसनसोल में रैली निकालने से रोके जाने के बाद उन्होंने लिखा, ”अब शुक्रवार को ममता बनर्जी से मुलाकात की कोई जरूरत नहीं है। मैंने इस बात पर फैसला नहीं लिया है कि मैं विधानसभा से इस्तीफा दूंगा या नहीं।” तिवारी ने मीडिया से कहा, ”मैंने आसनसोल नगर निगम प्रशासक मंडल के अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया है। मुझे काम नहीं करने दिया जा रहा था, ऐसे में मैं इस पद को रख कर क्या करूंगा? इसलिए मैंने इस्तीफा दे दिया है।”
टीएमसी के सांसद सौगत रॉय ने हिन्दुस्तान टाइम्स से कहा, ”तिवारी कोई बड़े नेता नहीं थे। उन्हें विधायक और मेयर बनाने वालीं ममता बनर्जी ने उन्हें इंतजार करने को कहा था, जब तक वह उत्तर बंगाल से लौटती हैं। जिन लोगों की कोई विचारधारा नहीं है, वे बेहतर भविष्य की तलाश में टीएमसी छोड़ रहे हैं। यह दुर्भाग्यूपूर्ण है लेकिन पार्टी को इसका नुकसान नहीं होगा।”
जितेंद्र तिवारी ने राज्य की सरकार पर केंद्र की ओर से मिल रहे फंड को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया था। उन्होंने मंगलवार को राज्य के शहरी विकास मंत्री फिरहद हकीम से मिलने तक से मना कर दिया और कहा है कि वह सिर्फ ममता बनर्जी से बात करेंगे। जितेंद्र तिवारी ने आरोप लगाया कि राज्य सरकार राजनीति की वजह से आसनसोल नगर निगम को केंद्र से मिलने वाला फंड इस्तेमाल नहीं करने दे रही है।