रायपुर: विधानसभा में प्रश्नकाल में पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह ने किराए के हेलीकाप्टर का मुद्दा उठाया। दो साल में यह पहला अवसर है, जब पूर्व मुख्यमंत्री डा. रमन सिंह के सवाल पर मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने जवाब दिया। पूर्व मुख्यमंत्री के मुख्यमंत्री से सवाल पर सदन में खुशनुमा माहौल भी नजर आया।
विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने इस पर कुंवर बेचैन का शेर पढ़ा। उन्होंने कहा कि कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो पूछे नहीं जाते, कुछ उत्तर ऐसे होते हैं, जो बताए नहीं जाते। इसके बाद डा. रमन ने कहा कि अनुबंध की सूची में छठवें नंबर पर सीजी एविएशन कंपनी प्रोपराइट कंपनी है। इसे एनएसओपी परमिट होना चाहिए, जो नहीं है। यह तो सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न है। सीएम बघेल ने बताया कि यह अनुबंध वर्ष 2013 में किया गया है। कंपनी एनएसओपी अनुबंधित है।
अजय चंद्राकर ने चुटकी ली कि आपकी सुरक्षा की चिंता कर रहे हैं, आप धन्यवाद भी नहीं दे रहे हैं। सीएम बघेल ने कहा कि मैं धन्यवाद देता हूं और आपकों भी धन्यवाद देता हूं कि आपने ध्यान दिया। अमरजीत भगत ने चंद्राकर को टोका। उन्होंने कहा कि दो लोगों के बीच में आप काहे मूसरचंद बन रहे हैं। तत्काल अध्यक्ष महंत ने कहा कि दो पहलवानों को निपटने दीजिए, आप लोग शांत रहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों के अनुसार ही हेलीकाप्टर किराए पर लिया गया। जो चिंता जताई गई है, उसका ध्यान रखा जाएगा। सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होगी। रमन ने पूछा कि किराए पर हेलीकाप्टर लिए जाने के लिए क्या नियम और प्रावधान है? एक जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2021 तक राज्य शासन द्वारा कब-कब कितनी समय अवधि के लिए किन-किन कंपनियों से हेलीकाप्टर किराए पर लिया गया?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हेलीकाप्टर किराया में लिए जाने के लिए विमानन विभाग को वित्तीय अधिकार दिया गया है। छह कंपनियों को हेलीकाप्टरों को प्रति उड़ान घंटे स्वीकृत दर जीएसटी और हैंडलिंग चार्ज के अनुसार कुल 14 करोड़, 40 लाख, 26 हजार 684 रुपये का भुगतान किया गया। एक जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक आठ करोड़ 21 लाख का भुगतान किया गया। वर्ष 2021 में 31 जनवरी तक एक करोड़ 30 लाख 64 हजार का भुगतान किया गया है। विमानन कंपनियों को एक करोड़, 72 लाख, 98 हजार, 310 रुपये का भुगतान किया जाना शेष है।
विधानसभा अध्यक्ष डा. चरणदास महंत ने इस पर कुंवर बेचैन का शेर पढ़ा। उन्होंने कहा कि कुछ प्रश्न ऐसे होते हैं जो पूछे नहीं जाते, कुछ उत्तर ऐसे होते हैं, जो बताए नहीं जाते। इसके बाद डा. रमन ने कहा कि अनुबंध की सूची में छठवें नंबर पर सीजी एविएशन कंपनी प्रोपराइट कंपनी है। इसे एनएसओपी परमिट होना चाहिए, जो नहीं है। यह तो सुरक्षा पर गंभीर प्रश्न है। सीएम बघेल ने बताया कि यह अनुबंध वर्ष 2013 में किया गया है। कंपनी एनएसओपी अनुबंधित है।
अजय चंद्राकर ने चुटकी ली कि आपकी सुरक्षा की चिंता कर रहे हैं, आप धन्यवाद भी नहीं दे रहे हैं। सीएम बघेल ने कहा कि मैं धन्यवाद देता हूं और आपकों भी धन्यवाद देता हूं कि आपने ध्यान दिया। अमरजीत भगत ने चंद्राकर को टोका। उन्होंने कहा कि दो लोगों के बीच में आप काहे मूसरचंद बन रहे हैं। तत्काल अध्यक्ष महंत ने कहा कि दो पहलवानों को निपटने दीजिए, आप लोग शांत रहिए।मुख्यमंत्री ने कहा कि नियमों के अनुसार ही हेलीकाप्टर किराए पर लिया गया। जो चिंता जताई गई है, उसका ध्यान रखा जाएगा। सुरक्षा में किसी भी प्रकार की ढिलाई नहीं होगी। रमन ने पूछा कि किराए पर हेलीकाप्टर लिए जाने के लिए क्या नियम और प्रावधान है? एक जनवरी 2019 से 31 जनवरी 2021 तक राज्य शासन द्वारा कब-कब कितनी समय अवधि के लिए किन-किन कंपनियों से हेलीकाप्टर किराए पर लिया गया?
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा कि हेलीकाप्टर किराया में लिए जाने के लिए विमानन विभाग को वित्तीय अधिकार दिया गया है। छह कंपनियों को हेलीकाप्टरों को प्रति उड़ान घंटे स्वीकृत दर जीएसटी और हैंडलिंग चार्ज के अनुसार कुल 14 करोड़, 40 लाख, 26 हजार 684 रुपये का भुगतान किया गया। एक जनवरी 2020 से 31 दिसंबर 2020 तक आठ करोड़ 21 लाख का भुगतान किया गया। वर्ष 2021 में 31 जनवरी तक एक करोड़ 30 लाख 64 हजार का भुगतान किया गया है। विमानन कंपनियों को एक करोड़, 72 लाख, 98 हजार, 310 रुपये का भुगतान किया जाना शेष है।