वन्य प्राणी चीतल के अवैध शिकार करने वाले नौ आरोपियों को हुई जेल
कोंडागांव । दक्षिण वन मण्डलाधिकारी उत्तम कुमार गुप्ता के द्वारा प्रेस विज्ञप्ति जारी कर बताया कि कोंडागांव वन मंडल के अंतर्गत वन परिक्षेत्र कोंडागांव के ग्राम पोंलग के वन क्षेत्र में वन्य प्राणी चीतल विचरण करते हुए झारा ग्राम की सीमा पर आ गया, जिसे ग्राम झारा के ग्राम वासियों द्वारा वन्य प्राणी चीतल को दौड़ाकर उसे ग्राम पोंलग के नजदीक लाठी-डंडों से मार कर उसकी हत्या कर दी गई । वन्य प्राणी के ग्राम सीमा में प्रवेश करने के संबंध में सूचना मिलते ही वन परिक्षेत्र अधिकारी कोंडागांव एवं वन कर्मचारियों के द्वारा क्षेत्र में सघन छानबीन की गई छानबीन के दौरान पोंलग ग्राम के समीप नीलगिरी वृक्षारोपण क्षेत्र में कुछ संदिग्ध लोग नजर आए जो वन कर्मचारियों को देखकर भागने लगे, वन कर्मचारियों के द्वारा लोगों का पीछा करते हुए घटनास्थल पर पहुंचे जहां वन्य प्राणी मादा चीतल का शव ग्रामीणों द्वारा झाड़ियों में दबाया गया था, जिसे कर्मचारियों द्वारा बरामद कर शव को अपने कब्जे में लेकर वन्य प्राणी के अवैध शिकार का प्रकरण दृष्टांत होते ही वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत वन अपराध प्रकरण दर्ज कर उच्चाधिकारियों को सूचना दी गई तथा वन्य प्राणी चीतल के शव का विधिवत नाप जोक कर मादा चीतल के शव को वन परिक्षेत्र मुख्यालय कोंडागांव लाकर पशु चिकित्सकों की टीम से शव का पोस्टमार्टम करा कर वन्य प्राणी का दाह संस्कार पूर्ण रूप से जलने तक किया गया। इस दौरान उपमंडलाधिकारी पश्चिम कोंडागांव की उपस्थिति व वन कर्मचारियों के द्वारा किया गया तदुपरांत वनमंडलाधिकारी दक्षिण कोंडागांव के कुशल निर्देशन पर अपराधियों की पतासाजी की गई। ग्राम झारा के आठ एवं ग्राम पोलंग से एक अपराधी को गिरफ्तार कर माननीय न्यायालय के समक्ष रिमांड हेतु पेश किया गया। माननीय न्यायालय के द्वारा वन्य प्राणी संरक्षण अधिनियम 1972 के तहत सभी नौ आरोपियों को जेल भेजे जाने का आदेश जारी किया, जिसके परिपालन में सभी 9 अपराधियों को केंद्रीय जेल जगदलपुर भेज दिया गया। इस प्रकरण में और भी अपराधी सम्मिलित होने की आशंका है जिसके लिए वनकर्मचारियों की टीम लगातार सघन जांच कर रही है जल्द ही और भी अपराधियों के गिरफ्तार होने की संभावना है।