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शराब के शौकीनों को लगेगा “चूना”, राज्य सरकार को देनी होगी Rs.12000 फीस और आयकर रिटर्न के दस्तावेज

नए आदेश के अनुसार शराब पीने वाले लोगों को अगर घर में चार से ज़्यादा शराब की बोतल रखनी है, तो उसके लिए लाइसेंस, लेना होगा। बता दें कि लाइसेंस लेने के लिए 12000 रुपये की फीस जमा करनी होगी
उत्तर प्रदेश में आबकारी विभाग के ताजा सर्कुलर ने शराब के शौकीनों की नींद उड़ा दी है। नए आदेश के अनुसार शराब पीने वाले लोगों को अगर घर में चार से ज़्यादा शराब की बोतल रखनी है, तो उसके लिए लाइसेंस, लेना होगा। बता दें कि लाइसेंस लेने के लिए 12000 रुपये की फीस जमा करनी होगी, साथ ही 51000 रुपये बतौर सिक्योरिटी जमा करने होंगे। बता दें कि अभी तक अपने उपयोग के लिए शराब रखने के लिए सरकार की ओर से कोई सीमा तय नहीं की गई थी। लेकिन अब बिना लाइसेंस शराब रखने की सीमा 4 बोतल तक तय की गई है।

आबकारी विभाग के आदेश के अनुसार शराब रखने की यह सीमा देशी, विदेशी और आयातित सभी प्रकार की शराब पर लागू होगी। आदेश में कहा गया है कि लाइसेंस लेने के बाद व्यक्ति अपने उपयोग के लिए, रिश्तेदारों, दोस्तों को शराब परोस सकता है, लेकिन इसके लिए वह कोई भुगतान नहीं ले सकता है।

एक वर्ष के लिए वैध होगा लाइसेंस
आदेश में कहा गया है कि शराब का लाइसेंस कलेक्टर कार्यालय से प्राप्त किया जाएगा। इसकी अवधि 1 वर्ष निर्धारित की गई है। साथ ही एक मूल निवास के आधार पर एक ही व्यक्ति को लाइसेंस जारी किया जाएगा। गेस्ट हाउस और फार्म हाउस के लिए अलग से लाइसेंस लेना होगा। लाइसेंस फीस का भुगतान आॅनलाइन किया जाएगा।

शराब पीने के लिए आयकर रिटर्न दाखिल करना जरूरी
नियम के अनुसार लाइसेंस प्राप्त करने के लिए आवेदक के पास पिछले पांच वर्षों की रिटर्न के दस्तावेज भी होने जरूरी हैं। इसमें कहा गया है कि इन 5 में से 3 वर्षों में 20 प्रतिशत की दर से आयकर का भुगतान भी किया जाना चाहिए। इसके साथ ही पैन कार्ड आधार कार्ड की प्रति भी जमा करना जरूरी है। इसके साथ ही व्यक्ति को अपने पते के प्रमाण स्वरुप किरायनामा या फिर जमीन से जुड़े कागजात भी प्रस्तुत करने जरूरी है

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