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शहीद की मां बार-बार एक ही बात कही रही तुम सब आ गए मेरा बेटा तो नहीं आया

कोंडागांव. बीजापुर में नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आकर शहीद हुए जवान मोहन नाग का पार्थिव शरीर जैसे ही पैतृक ग्राम बडेडोंगर पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया। परिजनों का रो-रो कर बुरा हाल था। बुजुर्ग मां लक्ष्मी बाई बार-बार एक ही बात कही रही तुम सब आ गए मेरा बेटा तो नहीं आया। बीजापुर जिले के तररेम थाना क्षेत्र के ग्राम पेद्दा गेल्लूर में

शहीद मोहन नाग

रविवार को नक्सलियों द्वारा लगाए गए आईईडी की चपेट में आकर कोंडागांव जिले का जवान शहीद हुआ।शहीद जवान का पैतृक्र गृहग्राम कोंडागांव जिले के बड़े डोंगर होने के चलते शव को अंतिम संस्कार के लिए ग्राम बड़े डोंगर लाया गया। गांव के बेटे की शहादत होने की खबर से पूरा गांव सुबह से एकत्रित होकर पार्थिव शरीर के पहुंचने का इंतजार करने लगे। जैसे ही शव गांव पहुंचा, माहौल गमगीन हो गया। मोहन के अंतिम दर्शन के लिए लोग उमड़ पड़े। शहीद की अंतिम यात्रा में पीसीसी चीफ मोहन मरकाम , जिले के प्रभारी मंत्री गुरु रुद्र कुमार, केशकाल विधायक संतराम नेताम, कलेक्टर पुष्पेंद्र कुमार मीणा, एसपी सिद्धार्थ तिवारी उपस्थित थे। मोहन मरकाम व गुरु रुद्र कुमार ने शव को कंधा दिया।

दुख की घड़ी में परिजनों को ढांढस बंधाया। राजकीय सम्मान के साथ सलामी के बीच शहीद बेटे के शव को अश्रु भरी नेत्रों से भाई ने मुखाग्नि दी। शहीद जवान के तीन भाई व दो बहनो में तीसरे नंबर का था । पिता गनपत नाग कि 10 वर्ष पूर्व मौत हुई थी। मोहन का चयन वर्ष 2013 में एसटीएफ जगदलपुर में हुआ। जो वर्तमान में बीजापुर में अपनी सेवा दे रहा था। मात्र 37 वर्ष की उम्र में 7 वर्ष की सेवा अवधि के दौरान देश के लिए अपनी जान न्योछावर कर गए। मोहन अंतिम बार कोंडागांव में मुख्यमंत्री प्रवास के दौरान घर आया था। दूसरे दिन जल्दी ही घर आने की बात कहकर ड्यूटी के लिए निकला था।

Patrika Look

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