भिलाई। अपराधियों और विस्फोटकों की तलाश में अहम भूमिका निभाने वाले स्निफर और ट्रैकर डागों की घटती कार्यक्षमता को पूर्व स्थिति में लाने के लिए भिलाई के सीएएफ (छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स) की सातवीं वाहिनी के ट्रेनिंग सेंटर में रिफ्रेशर कोर्स कराया जा रहा है।
उनकी सुस्ती को दूर कर चुस्त और फुर्त बनाने के लिए उन्हें सुबह पांच और शाम को चार घंटे दौड़, जंप, आज्ञा पालन के साथ ही विस्फोटकों व मांस को सुंघाने का अभ्यास कराया जा रहा है। इनमें ऐसे डाग से ज्यादा मेहनत कराई जा रही है, जिनका वजन बढ़ गया है। कोरोना काल में अपराध घट जाने से इन्हें काम का ज्यादा मौका नहीं मिल पाया। इसका असर इनकी कार्यक्षमता और वजन पर पड़ा है। यहां इनके लिए नए सिरे से डाइट चार्ट भी तैयार किया गया है। छत्तीसगढ़ आर्म्ड फोर्स की सातवीं वाहिनी में चल रहे 25 दिनों के रिफ्रेशर कोर्स में गरियाबंद, मुंगेली, बीजापुर, धमतरी, बेमेतरा, सूरजपुर, कबीरधाम, कोरिया, जशपुर, अंबिकापुर, नारायणपुर, जगदलपुर, बलौदाबाजार, बिलासपुर और राजनांदगांव जिलों में पदस्थ 15 स्निफर व ट्रैकर डाग शामिल हैं। ये ऐसे डाग हैं, जिन्होंने अब तक हत्या के 14 मामलों को सुझाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं करीब 40 स्थानों पर विस्फोटकों का पता लगाकर नक्सलियों के मंसूबों पर पानी फेरा है।
15 जिलों से लाए गए डाग में अकेले करीना ने राजनांदगांव में नक्सलियों द्वारा लगाए गए 20 विस्फोटकों का सुराग खोजा है। जगदलपुर में पदस्थ राका ने 13, गरियाबंद में पदस्थ पवन ने पांच और बीजापुर में पदस्थ ओप्पो ने एक विस्फोटक खोजे हैं। मैदानी क्षेत्र के जिलों सूरजपुर में पदस्थ जैकी ने चार हत्या व दो चोरी, धमतरी में पदस्थ लुसी ने दो हत्या और अंबिकापुर में पदस्थ डाली ने हत्या की दो गुत्थी सुलझाने में पुलिस की मदद की है। मुंगेली में पदस्थ रैकी और बलौदाबाजार में पदस्थ लुसी ने भी हत्या की एक-एक गुत्थी सुलझाई है। कबीरधाम की स्कापी ने हत्या, अपहरण व चोरी के एक-एक मामलों को सुलझाने में अहम भूमिका निभाई है।