रायपुर, विधानसभा में मंगलवार को फिर प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा, मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निशाने पर रही। विनियोग विधेयक पर चर्चा का जवाब देते हुए बघेल ने सदन में भाजपा सदस्यों के व्यवहार को लेकर तीखा हमला किया। उन्होंने कहा कि जब सत्ता में थे तो हमें ताना मरते थे। सदन में दो बेंच में समेटने की बात कहते थे, आज खुद दो बेंच के लायक नहीं रह गए हैं, लेकिन गुुरुर अब भी कम नहीं हुआ है। बजट सत्र के समय से पहले खत्म होने के लिए उन्होंने भाजपा की हठधर्मिता को जिम्मेदार बताया।
केंद्र से चल रहे राज्य के गतिरोध पर मुख्यमंत्री बघेल ने भाजपा पर यह कहते हुए तंज किया कि यहां कुछ बोलते हैं वहां कुछ बोलते हैं। भाजपा विधायक दल को अड़ंगेबाज की संज्ञा देते हुए कहा कि पुराने बारदाने में धान जमा करने की बात हुई है, लेकिन आज तक आदेश नहीं आया है। उन्होंने कहा कि बजट सत्र के दौरान जो बातें हुई, जो घटनाक्रम हुआ वह सही नहीं है।
प्रश्नकाल में आएंगे, शून्यकाल में आएंगे, लेकिन शेष में नहीं आएंगे। यह हठधर्मिता है। सीएम ने कहा कि ये सत्ता के अलावा कुछ नहीं सोचते और हम छत्तीसगढ़ महतारी की सेवा के अलावा कुछ नहीं सोचते। बघेल ने आशा जताई पुरखों ने जो छत्तीसगढ़ के लिए सपना देखा था, उसे साकार करने के लिए हम काम कर रहे हैं। हमारे पुरखे जहां भी होंगे हमें आशीर्वाद दे रहे होंगे।
यह सुखद संयोग
सीएम ने कहा कि 21 का अंक शुभ माना जाता है। यह सुखद संयोग है कि छत्तीसगढ़ राज्य अपने निर्माण के तीसरे दशक में प्रवेश कर रहा है और हमारी सरकार का यह तीसरा बजट है।
तो पेंशन की राशि बढ़ा देते
केंद्र सरकार पर बकाया 18 हजार करोड़ रुपये का जिक्र करते हुए सीएम ने कहा कि यह राशि कम नहीं होती। यदि यह हमें मिल गई होती तो हम पेंशन की राशि बढ़ा सकते थे। नए स्कूल खोल सकते थे। विकास के नए काम कर सकते थे।