छत्तीसगढ़राजनीति

पालिका द्वारा निर्मित दुकानों को गरीब व मध्यम वर्गीय व्यवसाईयों को उपलब्ध कराया जाए- सीपीआई

कोण्डागांव पत्रिका लुक।
नगरीय क्षेत्र के मध्यम वर्ग सहित विषेश रुप से गरीब वर्ग के व्यवसाईयों को नगर पालिका परिशद् कोण्डागांव द्वारा निर्मित दुकानों को व्यवसाय हेतु सेक्योरिटी डिपाॅजिट राषि लिए बिना आसान किस्तों में उपलब्ध कराने हेतु कम्युनिश्ट पार्टी आॅॅफ इंड़िया जिला ईकाई कोण्डागांव के द्वारा महामहिम राज्यपाल, छत्तीसगढ़ शासन, राजभवन रायपुर, (छग), को सम्बोधित ज्ञापन आवेदन पत्र को कलेक्टर जिला कोण्ड़ागांव के कार्यालय में सीपीआई के का.तिलक के निर्देष एवं षैलेष के मार्गदर्षन में बिसम्बर, जयप्रकाष, दिनेष, मुकेष, लक्ष्मण, रामकुमार, अनिल आदि कम्युनिश्ट द्वारा प्रस्तुत किया गया।ज्ञापन सीपीआई ने लेख किया है कि नगरीय क्षेत्र जिला मुख्यालय कोण्डागांव नगर में निवासरत गरीब, मध्यम एवं उच्च वर्गीय नागरिकगणों को षुद्ध पेयजल व निस्तार हेतु जल आपूर्ति, पक्की गलियां-नालियां, साफ-सफाई आदि बेहतर सुविधाएं देने की सम्पूर्ण जिम्मेदारी नगर पालिका परिशद् की होती है, जिसके निर्वहन हेतु नगरीय प्रषासन के द्वारा आवष्यक राजस्व इकट्ठा करने के लिए सम्पत्ति, समेकित आदि जैसे अनेक तरह के टैक्स लिए जाते हैं। उपरोक्त व्यवस्थाओं के अलावा न.पा.कोण्डागांव, नगर में व्यवसायिक परिसरों का निर्माण कर नगरीय क्षेत्र में विभिन्न तरह के व्यवसाय करने वाले व्यवसायियों को नीलामी प्रथा से दुकानें भी उपलब्ध कराती है, जिससे न.पा.कोण्डागांव को एक अच्छा और बड़ा राजस्व प्राप्त होता है।नगरीय क्षेत्र में निवासरत नागरिकों में से गरीब, मध्यम एवं उच्च वर्गीय सभी वर्ग के नागरिकगणों के द्वारा विभिन्न तरह के व्यवसाय करके अपना व अपने पर आश्रितजनों का जीवनयापन किया जा रहा है, सीपीआई का मानना है कि उच्च वर्गीय व्यवसायी आवष्यक पूंजी/पर्याप्त धन होने के कारण अपना व्यवसाय कहीं भी अपने दम पर षुरु कर सकते हैं, लेकिन नगरीय प्रषासन द्वारा निर्मित व्यवसायिक परिसरों की दुकानों की नीलामी की बोली बहुत अधिक होने के कारण व्यवसायिक परिसरों की ऐसी दुकानों को लेने में गरीब एवं मध्यम वर्गीय व्यवसायी कामयाब नहीं हो पाते हैं और जिसका ही परिणाम है कि गरीब व मध्यम वर्गीय व्यवसायी कहीं भी सड़कों व गलियों के किनारे अपना व्यवसाय करने को मजबूर नजर आते हैं, जिससे कई बार यातायात व्यवस्था भी बदहाल हो जाती है।
सीपीआई कोण्डागांव की मंषा है कि नगरीय क्षेत्र में निवासरत गरीब व मध्यम वर्गीय व्यवसायियों की आर्थिक स्थिति में सुधार लाने के लिए नगरीय प्रषासन द्वारा निर्मित ऐसे समस्त व्यवसायिक परिसरों की दुकानों को आवष्यक रुप से सर्वप्रथम गरीब व्यवसायियों को सेक्योरिटी डिपाॅजिट राषि लिए बिना आसान किस्तों में, फिर इसके बाद मध्यम वर्गीय व्यवसायियों को न्यूनतम सेक्योरिटी डिपाॅजिट राषि लेकर अथवा आसान किस्तों में दुकानें दी जाए, ताकि नगरीय क्षेत्र के सभी गरीब एवं मध्यम वर्गीय, विषेश रुप से गरीब व्यवसायी आर्थिक रुप से समृद्ध होकर सम्मानजनक रुप से अपना व अपने परिजनों का जीवनयापन करते हुए गरीबी रेखा से उपर उठने के साथ ही भविश्य में देष के विकास में भी अपना अमूल्य योगदान दे सकें।
सीपीआई ने अल्टीमेटम दिया है कि गरीब वर्ग व मध्यम वर्गीय परिवारों के आर्थिक उत्थान हेतु किए जा रहे मांग पर जल्द से जल्द और सकारात्मक निर्णय नहीं लेने पर आंदोलन का रास्ता अख्तियार किया जाएगा, जिसकी सम्पूर्ण जिम्मेदारी षासन एवं प्रषासन की होगी।

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